वह जानते हैं
बाखूबी
अपना कार्य करना
उनके हाथों का रुखापन
गालों की झुर्रिया
और तन का जर्जरापन
एवं बालों का सन सा
सफेद होना
यूँ ही नहीं है
वरन् अनवरत जिम्मेदारियों के
संवहन का परिणाम हैं
आज जिस अन्न को खाकर
गर्व से हम करते हैं
चौड़ा सीना
वह कुछ और नहीं है
बल्कि उसके श्रम बिन्दुओं का
संघनित रूप है
जो श्वेद बिन्दुओ के रूप में
मोती सी चिलचिलाती धूप में
उसके तन से फूटती हैं |
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