Monday 7 November 2016

*****पोथियों के बीच से निकलते शब्द*****

पोथियों के बीच से
निकलते शब्द
शोर नहीं करते
वे अपनी बात बड़ी
खामोशी से
कह जाते है
और समझने वाले
समझते है
पोथियो के शब्द
जो विद्रोह करते !
जनाब
जरा गौर से तो देखो
ये शब्द खामोश तो
होते हैं
पर वेजुवान नहीं होते
और उनकी यही खामोशी
तोड़ जाती है
सूरमाओं का साहस
प्रेयसियों के प्रेमपाश
और तोड़ जाती है
स्वाभिमान की जर्जर
बेड़ियाँ
और दिखा देती है
अपनी खामोश ताकत का
तर्जुबा

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