Wednesday 27 June 2018

**** बेलगाम घोड़े****

सत्ता के बेलगाम
घोड़े
रौदने लगे
जब सब कुछ
साथी खड़े हो जाओ
तानकर
भिंची हुई मुट्ठियां
क्योंकि तुम्हारी तनी हुई
मुट्ठियां ही
पर्याप्त होती ह
थामने के लिए
अश्वों की टापों को
इसलिए साथी जितना जल्दी
सम्भव हो सके
तुम तान लो
मुट्ठियां
जिससे साधे जा सके
लोकतन्त्र के ढहते पावे
और रोकी जा सके
गिरती अस्मिताएं