Wednesday, 16 November 2016

****पोथियों के बीच से****

पोथियों के बीच से
निकलते शब्द
शोर नहीं करते
वे खामोशी से कह
जाते है
बड़ी बात
और समझने वाले
समझते है
पोथियो के शब्द
विद्रोह नहीं करते
जनाब
जरा गौर से तो
देखो
ये शब्द खामोश तो
होते हैं
पर वेजुवान नहीं होते
और इनकी यही खामोशी
तोड़ जाती है
सूरमाओं का अदम्य
साहस
प्रेयसियों के प्रेमपाश
और तोड़ जातें हैं
जर्जर स्वाभिमान की
मजबूत बेड़ियाँ
और दिखा देते है
अपनी खामोश ताकत का
तर्जुबा

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