Saturday 18 January 2020

****केवल मुस्कुरा देते हैं ****

पढ़-लिख गए हैं
अब
उन्होने पढ ली है 
संसार की तमाम पोथियां
जिनमे लिखा हुआ है
नफ़रत वह फौलादी अवरोध होती है
जिसके पार जा सकना
आसान नहीं होता
मुकम्मल तैयारियों के साथ ही
विजित की जा सकती हैं
ऐसी दीवारें
यद्यपि उन्होने इनसे निपटने के लिए
 खरीद लिया है
जुराब और दस्ताने 
जिससे बचा जा सके आसानी से
इसीलिए उन्होने बदल लिया 
अपना पारम्परिक पैतरा
अब वे नहीं हंसवे हैं
खुलकर
बल्कि समय की नज़ाकत भांपकर
केवल मुस्कुरा देते हैं

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