जो छोटो से
प्रेम और स्नेह का
आचरण करता है
औरों की खामियों में भी
खूबियाँ खोजने का
प्रयास करता है
आगे बढते व्यक्ति की
हर सम्भव मदद करता है
दूसरों के सुख दुख में
सहभागिता करता है
भले ही उसके पास कुछ न हो
मैं मानता हूँ
उसे बड़ा आदमी
जो दूसरों के लिए गड्ढे
खोदता है
आगे बढने के सभी द्वार
बन्द करता है
छिद्रान्वेषण के नये नये
मार्ग खोजता है
बात बात पर झूठ का
सहारा लेता है
अपना दोष दूसरों के
सर मढता है
उसके पास सब कुछ
होने बाद भी
मै नहीं मानता हूँ
उसे बड़ा आदमी I
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