Thursday 16 January 2020

****हंसकर बिकने के लिए****

जो कुछ भी दिखाई देता है
क्या सब कुछ होता है
बिकाऊ ?
वाजार जिसे बेचना चाहता है
या फिर जिसे बेचता है
आखिर कब तक लगे रहोगे
बेंच खरीद के धंधे में

तुम कितना जानते हो
बेंच और खरीद के बारे में
क्या तुम्हारे द्वारा खरीदा जा सकता है
सभी का ईमान
या सबकी इच्छाएं
तुमने क्या कभी देखा है ?
किसी को बिकते
या फिर किसी को खरीदते

हक की आवाज उठाने को
क्या बिकना कहते हैं
या फिर सबको समान नज़रिये से
देखने को
या फिर पराई इच्छा पर
खुद को समर्पित कर देने को ही
कहेंगे बिकना
यदि इसे बिकना कहते हैं
तो मैं तैयार हूं वस्तु की तरह
हंस कर बिकने के लिए T


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