Tuesday, 3 September 2019

****वैशाखियों के सहारे****

जब वैशाखियों के सहारे
चलती हैं सत्ताएं
तब उधड़ती है
दावों प्रतिदावों की
परत दर परत
और खत्म कर दी जाती हैं
वैशाखियों के घुन से
कमजोर बनाई गई है
क्षमताएं
क्योंकि वैशाखियाँ
कभी भी नही चाहती
सुचारू रूप से कार्य
कर सकें
योग्यताएं और क्षमताएं
इसीलिए वे करती रहती हैं
हमेशा
क्षमताओं और योग्यताओं को
हतोत्साहित करने के
नियोजित कार्य
जिससे साधी जा सकें
अपेक्षाएं
इसीलिए वे गढती हैं
मनगढन्त नियामक परिभाषाएं
और थोपती है जबरिया
अयोग्यताओं और अक्षमताओं के
सहारे
और करती हैं योग्यताओं और
क्षमताओं को
कुचलने के हर सम्भव
प्रयास 
यद्यपि पाला बदलने में
माहिर होती हैं वैशाखियाँ
और समय बदलते के साथ ही
बदल लेती हैं
खूबसूरत अंदाज में अपना पाला
और खड़ी हो जाती  हैं
दुगने उत्साह के साथ
किसी अन्य पक्ष में
नये अवतार के रूप में

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