Friday 13 September 2019

*****बहुत मुश्किल होता है*****

बहुत मुश्किल होता है
अपने को निरपेक्ष
रख पाना
क्योंकि इसके लिए
साधना पड़ता स्वयं
मनाना पड़ता अपने आप को
तैयार करना होता है
खुद को निरपेक्ष भाव प्रति
किन्तु यह असम्भव नहीं होता
आप रख सकते हो
अपने आप को निरपेक्ष
राख में सुरक्षित आग की तरह
आप साध सकते हो
अपने आप को
प्रलोभनों से अलग रहकर
आप तैयार कर सकते हो
खुद को
दूसरों की पीड़ा की अनुभूति के द्वारा
हां आप बना सकते हो
असम्भव को सम्भव

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