Friday, 14 June 2019

****उन्होने कभी शिमला नहीं देखा****

उन्होने कभी शिमला
नहीं देखा
फिर भी जानते हैं
शिमला को
दिन प्रति दिन
बदतर होते जा रहे
कराहते जलाशयों को
बेदर्द जमाने के पैरोकारों को
जिन्होने बना रखे है
कृत्रिम अभाव के हालात
मज़बूर हो जाये जिससेे लोग
और सुगभ हो सकें
उनके व्यापारों का
सुभारम्भ
उन्होने कभी शिमला
नही देखा
फिर भी जानते हैं
शिमला को
क्योंकि उनके रोम रोम में
समाया है
एक खूबसूरत शिमला
जिसकी खूबसूरती को
चट कर रहें हैं
पूंजी के आवारा पशु
बढते जा रहें हैं
दिनोदिन जिनके झुण्ड
जिन्हे रोक पाना
लगभग असम्भव है ।
उन्होंने कभी शिमला
नहीं देखा
लगभग हर शहर तब्दील हो चुका है
एक त्रासदयुक्त शिमला में
जिसमे जूझना पड़ता है हर रोज
पानी जैसी
रोजमर्रा की समस्याओं से
उनके खिलाफ
नारे लगाती आवाम को
जो गुर्राते भेडि़यों के डर से
प्रत्येक शाम लौट जाती है
खाली हांथ अपने घरों को

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