कभी नहीं ठहरता
वक्त का घूमता पहिया
इसीलिए कभी नहीं ठहरती
धरती
और कभी नही ठहरता
आकाश
और नही ठहरते हैं
दिन और रात
यद्यपि लोग दावे
बहुत बड़े बड़े करते हैं
वक्त को रोकने के
पर ठहर नही पाते
उसकी गति' के सामने
या यूं कहें
नहीं रोक पाते
उसकी गति के सापेक्ष
अपने आप को
और इन सबसे से
अछूता वक्त तय करता है
अपने फासले
और बनाये रखता है
अपनी विश्वसनीयता
और पहिचान
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