कहाँ से आ जाती हैं
ये ढीठ लड़कियां
कभी पानी के बहाने
कभी नालिश के बहाने
बहुत ही उजड्ड है
यह लड़कियां
समझती नहीं संस्कारों को
थोड़ा बहुत होता तो चल जाता
पर बार बार आकर
प्रश्न पूंछती हैं
कुछ ऊल जुलूल से
जैसे प्रेम किसको समझे
धोखा किसको
कौन से कपड़े शालीन है
कौन से अशालीन
कैसे चलें ,कैसे बैठे ,कैसे बोले
क्या खाये क्या न खाए
कब बोले कब मौन रहे
आखिर कैसे जवाब दिया जा सकता है
इन बचकाने सवालों का
यह तो उफ !
वाली है बात
ढीठ लड़कियां
मांगने लगी हैं अपने अधिकार
करने लगी कोशिश
वह सब कुछ जानने की
जिसे अपनाकर प्राचीन काल से
आज तक हम करते आये हैं
उनके हकों का हरण
बात बात पर करती हैं
न्यायालय के आदेश की बात
आखिर कितनी ढीठ हो गई हैं
यह लड़कियां
Tuesday 30 October 2018
******ढीठ लड़कियां******
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment