वे प्रतीको के सहारे
चाहते हैं
पार उतरना
उनका विश्वास है
प्रतीकों के तिलस्मी
वजूद पर
उन्हे मालूम है
हथियार के रूप मे
प्रतीकों के
प्रयोग करने की कला
इसीलिए समय समय पर वे
करते हैं अपने हित में
कुशलतापूर्वक
प्रतीकों का प्रयोग
आप कुछ समझ पायें
उससे पूर्व ही
वे गढ लेते हैं
नये प्रतीक चिन्ह
और बेधड़क करते है
उनका प्रयोग
तुम्हारे जानने और समझने के
ठीक पहले तक
इस प्रकार बचाये रखते हैं
प्रतीक और प्रतीको के साये में
खुद का वजूद ।
प्रद्युम्न कुमार सिंह
बबेरू बांदा उ०प्र०
पिन -210121
मोबाइल-08858172741
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