मासूकाओं सी
मासूम होती है
उत्कंठाएँ
बना लेती है
आसानी से
मस्तिष्क प्रमस्तिष्क के
कोने में जगह
और आडोलित करतीं हैं
अन्तः से वाह्य तक
प्रश्न उठाते प्रश्नों को
बेदखल कर देना चाहती हैं
सीमाओं सीमा से
और प्रदान करती हैं
उठने की क्षमताएं
इसके थकन से पूर्व
क्योंकि मासूकाओं सी
मासूम होती हैं
उत्कंठाएं
जिन्हे रोकना खुद को
रोकने जैसा होता है
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