बहुत से हाथ उठे थे
बहुत से उठने बांकी थे
मांग थी
एक अदद रोटी की
भूख की त्रासद
मिटाने के निमित्त
इसीलिए आज चुप रहने की अपेक्षा
की गई थी चुप्पी के विरुद्ध
मुनादी
शायद आवाज की
गड़गड़ाहट से
सूख जायेंगे बहुत से हलक
परिणामस्वरूप ढूंढे जाने लगेंगे
हथकण्डों के रूप में
बहुत से उपाय
चुप्पियों के निमित्त
बावजूद इसक पहली बार
तोड़ी जायेगी
सदियों से ओढ़ी हुई चुप्पी
भूख और प्यास के पक्ष में
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