वे जो सोये
हुए हैं
उनसे कहो
स्वप्न देखे
वे जो जागे
हुए है
उनसे कहो शीध्र
निकल पड़े.
और वे जो खाली
पेट सो जाने को
मजबूर हैं
उनसे कहो
उम्मीद न छोड़े
वे जो दिन रात
खेतो में हल
चलाने को उत्सुक
रहते है
उनसे कहो
उन्ही के हौसलों से
दुनिया आबाद है
और वे जो मैले कुचैले फटे
हाथ छिपा रहें हैं
उनसे कहो
हाथों को छुपायें नहीं
क्योकि दुनिया में
इनसे खूबसूरत
कुछ भी नही है
और जो स्वांग भरते है
अपनी श्रेष्ठता व बहादुरी का
उनसे कहो
उनकी श्रेष्ठता
जुगुनुओं के
प्रकाश में ही
प्रचारित प्रसारित होती है
सूर्य के प्रकाश में
उनका कहीं
अता पता नही होता
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