वह क्यों करता है ?
हाय तौबा सबसे अधिक
जिसके पास खोने को
नही होता कुछ
भूख और प्यास होती
संगनी
बिछावन में होती है
धरती की चादर और
मिट्टी का सानिध्य
वह क्यो करता है ?
पैमाइश
अन्न और जल की
जबकि यह दोनो
कभी शामिल नही होते
उसकी जीवन प्रत्यासा में
न ही सहचर्य रहे कभी भी
उसके विकास पथ में
फिर भी
वह चिल्लाता है
अपने ही विरुद्ध
जिससे उसके इस आघार पर
लगाई जा सके
आजादी के नाम पर
उच्छ्रंखलित रोंक
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