कुकुरमुत्ते होते है
बहुत से लोग
जो जमते हैं
अवांछनीय जगहों पर
और इतराते
नवाबों सा
राव रैप्यतों से
चलते है अमानत में
खयानत के दाँंव
एड़ की चोट पर घोड़ो से
सरपट दौड़ते हैं
कुकुरमुत्ते होते हैं
बहुत से लोग
जो जमते हैं
अनचाही जगहों पर
ओढते हैं धर्म की
नमूदार चादर
गन्धाते हैं सड़ियल
कुक्कुर से
और डरते है लत्तों के
सांपों से
चुगतें हैं
कौवोंं से विष्टा के दाने
कुकुरमुत्ते होते हैं
बहुत से लोग
जो जमते हैं
अवांछनीय जगहों पर
शुरू करते हैं गंगाजल से
और आदमी होकर भी
आदमियों से नफ़रत
करते हैं
रक्कासों सा नाचते हैं
ईशारों पर
फिर भी भरते है
मालिक होने का दम्भ ।
कुकुरमुत्तों जैसे
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