Monday, 6 September 2021

यार तुम डरते हो

वे डरते हैं
शब्दो के तीखेपन से
जैसे डरता है
मेमना
डरता है भेड़िया
और डरता है 
बनराज
वन में बढ रही 
आवाजाही से
वृक्षो की कटान से
वीरान होते 
वन
गाद से खत्म होती 
नदी
विकास से आस्तित्व 
खोते पहाड़
कंकरीट के फैलते जंगलों से
उजड़ती धरती
वे भी डरते हैं
शब्दों के तीखेपन से

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