वे डरते हैं
शब्दो के तीखेपन से
जैसे डरता है
मेमना
डरता है भेड़िया
और डरता है
बनराज
वन में बढ रही
आवाजाही से
वृक्षो की कटान से
वीरान होते
वन
गाद से खत्म होती
नदी
विकास से आस्तित्व
खोते पहाड़
कंकरीट के फैलते जंगलों से
उजड़ती धरती
वे भी डरते हैं
शब्दों के तीखेपन से
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