शरीफों के किस्से
तवायफों से पूँछो
क्योंकि
शरीफों की शराफत
अक्सर तवायफों की चौखट
लांघती है
क्योंकि टूटे दिलों का हाल
दुनिया से बेहतर
तवायफें नी समझती हैं
पर क्या कभी गौर किया है तुमने
तवायफों के किस्सों के
बारे में
जिसे अक्सर मान
लिया जाता है
पूरे समाज के लिए गाली
आखिर तवायफों का
अतीत क्या रहा है
क्या कोई स्त्री खुद ही
बनना चाहता है
तवायफ
या फिर उसे मजबूर करता है
यह ही सभ्य समाज
तवायफ बनने के लिए
यही कड़वी सच्चाई है
जिसे शायद ही कभी
स्वीकार करे
कोई भी सभ्य समाज I
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