Wednesday 26 July 2017

***** वे तुमसे छीन लेना चाहते हैं*****

वे तुमसेे छीन लेना
चाहते है
तुम्हारी आजादी
काट देना चाहते हैं
तुम्हारे उठे हुए हांथ
खड़ा कर देना चाहते हैं
खौफ का जिन्न
इसीलिए करना चाहते हैं
शक्ति की नुमाइस
उत्पन्न कर सकें जिससे
एक अनाम डर
आड़ में जिसकी तोपी
जा सकें
अनगिन कायराना हक़ीकतें
वे मौन कर देना चाहते हैं
हलक की आवाज
बांध देना चाहते हैं
तुम्हारी जिह्वा
जिससे बड़ी सहजता से
ठहराया जा सके तुम्हे
गुनहगार
वे खोद देना चाहते है
एक अलंघनीय खाई
जिसे लांघ सकना हो जाये
लगभग असम्भव
ऊँची दीर्घा पर खड़े हो वे
करना चाहते है
घोषणा बतौर हाकिम
उनकी बनाई परिखाओं को
लांघना
उन्हे बर्दास्त नही
वे बना देना चाहते हैं
पीढियों को गुलाम
जिन्हे प्रयोग किया जा सके
मशीनों की भांति
हांका जा सके पशुओं की तरह
लेकिन वे भूल जाते हैं
इतिहास के क्रूर पन्नों को
जिन्होंने कभी नहीं बख्शा
अपने समय में नायकत्व का दंभ
भरने वाले
शक्ति में अंधे पड़ चुके
गंधाते घमण्ड को

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