Wednesday 26 July 2017

*****उनकी मंशा है*****

उनकी मंशा है
मठा डाल
कुशों की भांति
जड़ो को नष्ट करने की
इसीलिए वे ढोते हैं
मटकियों में मठा
और नापते है हर दफा
मटकी की सतह
वे बचाये रखना चाहते हैं
मठा और जड़ के बीच की
वैमनस्यता
जिससे वेे दे सकें
कार्य को मंशानुरूप
अंजाम
उन्हे तुमसे भी नफ़रत है
कुशों की भांति
क्योंकि वे कुश ही थे
जो बार बार फेर देते थे
इरादों पर पानी
और भरते थे
हा से अहा तक की
हुंकार
जिसकी गर्जन से हर बार
पड़ता है
उन्हें सहमना
जो खिलाफ था
उनकी फितरत के
इसीलिए वे नष्ट कर देना
चाहते हैं
सदा सदा के लिए
कुशों की जड़ों सा
तुम्हारी जड़ों को
जिससे रोका जा सके
तुम्हारी गति
और तुम्हारा वेग

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