कुछ नकद कुछ उधार देखों
बाजार उदार देखो
रुपैय्या का कमाल देखो
मर्जी से अपनी आवै जाय देखो
सरे आम चौराहों में
बिकती भूख देखो
बेहद सस्ती बेहद मंदी
भेष बदलते तश्कर देखो
राव रंग के लश्कर में
धारदार अस्त्र शस्त्र ले
जड़ काटते पहरुआ देखो
सोती दुनिया के अंदाज निराले
भरते जिनसे कोष पोश देखो
लाभ कमाने के
रंगीले ढंग देखो
रोज रोज फंदे चूमते लोग
सुखा बाढ़ ओला से त्रस्त
माली हालत किसान की देखो
क्षण-क्षण ढुलकते
अश्कयुक्त नेत्र देखो
कारण जिनके होते कारे गात देखो
बीच बाजार होती लाज नीलाम देखो
बेईमानी का धंधा अपनाए
जेबकतरों की कतार देखो
टूटते आशने मिट्टी के देखो
अस्थिपंजर टूटे लढी के देखो
चमचमाती कार की रफ़्तार देखो
रोज-रोज बढ़ते रेट देखो
नोटों के बीच ओट देखो
भूखे नंगों की झेप देखो
बोरो में भरे नोटो की खेप देखो
आपस में लड़ते लोग देखो
स्वार्थ में रक्त रंजित
नफ़रत के खंजर देखो
रोटी के साथ फोटो खिचती
शानदार तश्वीर देखो
मुक्ति बेचता बाजार देखो
तीक्ष्ण है बहुत इसकी धार देखो
शवों की सवारी करते सवार देखो
नीले पीले रंग हजार देखो
अपनो का छुपा प्यार देखो
चूहे बिल्ली सी तकरार देखो
सावधान मानव !
समय रहते संभल जाओ
सीख लो तुम भी जीना
दूर होकर इनसे
Thursday 13 April 2017
*****कुछ नगद कुछ उधार देखो*****
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