Saturday, 29 October 2016

***** रची जा रही हैं साजिशें**** रची जा रही हैं साजिशें धरा में फैले उजाले के विरुद्ध खुशियों के विरुद्ध खामोशी के साथ खाली किये जा रहे हैं तेल से भरे मर्तबान जिससे छुपाया जा सके थोड़ा अंधेरा उजाले के विरुद्ध इन तमाम कोशिशों के बावजूद अभी शेष है आकांक्षाओं को बचाये रखने की एक छोटी सी मुहिम जो बिना रुके और थके लगातार जारी है

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