Thursday, 29 October 2020

लिखने दो

लिखने दो
समय को अपना इतिहास
जब आयेगी गवाहों की बारी 
मैं दूँगा गवाही
हक और और हुकूक के लिए
न्याय की बाट जोहते
अन्तिम पायदान पर स्थित 
लोगों की तरफ से
और दर्ज कराऊँगा अपनी
जोरदार उपस्थिति
पड़ने लगेगा जब न्याय पर 
अन्याय का पलड़ा भारी
एवं दी जाने लगेंगी अनैतिक को नैतिक 
घोषित करने की राजाज्ञाएं 
मैं खड़ा होऊंगा उनके प्रतिरोध में
युगों से ओढ़ी हुई 
चुप्पियों को तोड़कर
मैं लिखूंगा समय के सफ्फाक पन्नों पर
अपनी उपस्थिति का इतिहास
जो मिटाये जाने के बावजूद बना रहेगा
समय जैसा अमिट ।

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