लिखने दो
समय को अपना इतिहास
जब आयेगी गवाहों की बारी
मैं दूँगा गवाही
हक और और हुकूक के लिए
न्याय की बाट जोहते
अन्तिम पायदान पर स्थित
लोगों की तरफ से
और दर्ज कराऊँगा अपनी
जोरदार उपस्थिति
पड़ने लगेगा जब न्याय पर
अन्याय का पलड़ा भारी
एवं दी जाने लगेंगी अनैतिक को नैतिक
घोषित करने की राजाज्ञाएं
मैं खड़ा होऊंगा उनके प्रतिरोध में
युगों से ओढ़ी हुई
चुप्पियों को तोड़कर
मैं लिखूंगा समय के सफ्फाक पन्नों पर
अपनी उपस्थिति का इतिहास
जो मिटाये जाने के बावजूद बना रहेगा
समय जैसा अमिट ।